Sunday, June 17, 2012

हमारे नेताओं की जुबानी


इस सरकार  ने बहुत लूट लिया 
अब हमें इक मौका दो ,
इनकी कसर पूरी करने 
हम तैयार बैठे हैं 


अन्ना जी भ्रष्टाचार का 
एक पेड़ तो उखाड़ो  
दस और पेड़ लगाने को 
हम तैयार बैठे हैं     


कासब ,अफजल शरीखों को 
मरो नही ,हमें सोंप दो 
मेहमानी  इनकी करने 
हम तैयार बैठे हैं


देश प्रेम की एक भी  बात 
करके तो देख लो 
टांग अडाने "ठाकरे जी "
तैयार बैठे हैं.


कलमाड़ी जैसे घोटाले ,तुम 
भी तो करके देखो 
देशभक्त बोलने दिग्विजय 
 
तैयार बैठे हैं


घोटाले के क्षेत्र में भी 
नोबल मिलना चाहिए 
अनेकों नोबल भारत लाने 
हम तैयार बैठे हैं


जेब अपनी थोड़ी और 
टाइट कर लो 
मंहगाई को और बढाने      
हम तैयार बैठे हैं.


देशवासियो चिंता  करो 
अपने दिल थम के बैठो 
नए घोटाले का सरप्राइज  देने 
हम तैयार बैठे हैं.

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